108 अंक का महत्व (Significance of Number 108)
Why is 108 a special number?
108 नंबर को पवित्र क्यों माना जाता है? (Why is the number 108 considered sacred?)
हमारी संस्कृती में 108 नंबर को बहुत महत्व दिया गया है। यह अंक ज्योतिष, खगोल, ज्योतिष, विज्ञान, और हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
जानते है अंक ज्योतिष अनुसार 108 नंबर (108 Number in Numerology)
अंक ज्योतिष में शून्य अवकाश माना गया है, 1 नंबर के देवता सूर्य और 8 नंबर के देवता शनि है। भ्रह्मांड में सूर्य की परिक्रमा धरी पर सूर्य से शुरू हो कर शनि अंतिम ग्रह है। ज्योतिष में सूर्य से शनि तक के ग्रह को माना जाता है। और इस दौरान बिच में सारे ग्रहो का समावेश हो जाता है। इसका मतलब 1 से 8 नंबर में सारे ग्रह ब्रह्माण्ड का समावेश हो जाता है।
धार्मिक रूप से अंक 108 (Religious importance of Number 108)
जप की माला में १०८ मोती या रुद्राक्ष होते है जो शिव और शक्ति को बताते है। जब हम जप करते है तब 108 रुद्राक्ष की माला करते है, शिव जो परम आत्मा है, क्यूंकि ज्योतिष में सूर्य का मतलब आत्मा और चंद्र का मतलब मन होता है। आप अपने मन और आत्मा को प्रभु के साथ जोड़ते है और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ते है।
ज्योतिष में अंक १०८ (108 Number in Astrology)
नक्षत्र २७ होते है और चंद्रमाँ 12 राशि का भ्रमण करते 9 महीना लेते है, चारो दिशाओ में चण्द्रमा की परिक्रमा हो जाती है और इसे हम नक्षत्र के साथ गुना करे तो 108 नंबर आता है।
खगोलीय महत्व 108 (108 Number in Astronomy)
खगोलीय रूप से यह इतना अद्द्भुत एवं रोचक है की आप इसे आश्चर्यजनक महसूस करेंगे। खगोलीय विज्ञान पर वैज्ञानिको ने शोध किया है: पृथ्वी, और सूर्य के बीच की दुरी सूर्य के व्यास के 108 गुना है। पृथ्वी और चण्द्रमा के बीच की दुरी चन्द्रमा के व्यास, और सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास के 108 गुना है।
शास्त्र में महत्व (Importance in Scriptures)
हिन्दू धर्म में 108 पुराण है। श्रीमद भगवद गीता के 18 अध्याय है। यहाँ भी 1 और 8 नंबर का उल्लेख हो रहा है। कृष्ण भगवान् की 108 रानियाँ थी।
108 अंक शरीर रचना में (108 Number and Human Body)
आयुर्वेद में बताया है, मनुष्य शरीर में 108 मर्म बिंदु है जो जीवन शक्ति के लिए अति महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि हृदय चक्र में 108 नाड़ी (ऊर्जा रेखाएं) हैं जो इस ऊर्जा केंद्र को बनाने के लिए अभिसरण करती हैं। योग में , Reiki में भी बताते है की शरीर में 108 चक्र है और मुख्य 7 चक्र है।
Last but not least, 108 and India
भारत में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 108 है जो भारत में पहेली बार Dr. AP Ranga Rao ने अवधारणा करने का श्रेय दिया जाता है।
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